Sunday, March 18, 2012

इंडस्ट्रियल जोन में बस सकते हैं घर

नई दिल्ली
दिल्ली में इंडस्ट्रियल प्लॉट में रेजिडेंशल यूज की इजाजत मिल सकती है। मास्टर प्लान 2021 का रिव्यू चल रहा है। डीडीए की मीटिंग में कई अहम सुझावों पर चर्चा की गई। दिल्ली में घरों की कमी पूरी करने के लिए इस सुझाव को अहम माना गया। उपराज्यपाल ने भी सुझाव को पसंद किया और उम्मीद की जा रही है कि मास्टर प्लान में बदलाव कर इंडस्ट्रियल प्लॉट में रेजिडेंशियल यूज करने का अधिकार दे दिया जाएगा।
मास्टर प्लान 2021 में कहा गया है कि दिल्ली में 1 लाख घरों की कमी है। अनुमान लगाया गया है कि 2021 तक 24 लाख अतिरिक्त घरों की जरूरत पड़ेगी। इसमें 40 पर्सेंट जरूरत दिल्ली के इलाकों के रीडिवेलपमेंट से पूरी हो सकती है। टारगेट पूरा करने के लिए सिर्फ रेजिडेंशल जोन में ही नहीं , बल्कि दूसरे जोन में भी रीडिवेलपमेंट की बात कही गई है। मास्टर प्लान में रेजिडेंशल एरिया की अधिसूचित रोड में कमर्शल इस्तेमाल की इजाजत दी है।
1996 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद काफी इंडस्ट्रियल जमीन रीडिवेलपमेंट के लिए मुहैया हो गई क्योंकि कई बड़ी और भारी इंडस्ट्री बंद हो गई या दूसरी जगह शिफ्ट हो रही हैं। इस तरह की 2000 स्क्वायर मीटर से ज्यादा की एरिया है , जो चारों तरफ ग्रीन एरिया से घिरा है और रेजिडेंशल डिवेलपमेंट के लिए फिट हैं। सुझाव में कहा गया है कि इंडस्ट्रियल प्लॉट मंे रेजिडेंशल ग्रुप हाउसिंग डिवेलपमेंट के लिए इस्तेमाल होना चाहिए , जिसमें 15 पर्सेंट कमर्शल स्पेस हो सकता है।
मुंबई में भी ऐसे इंडस्ट्रियल इस्तेमाल के जोन को अलग कैटिगरी में रखा है जहां कमर्शल के साथ रेजिडेंशल इस्तेमाल की इजाजत है। दिल्ली में भी इसकी इजाजत मिलने से ग्रुप हाउसिंग ऐसे एरिया में बनेंगी , जो पहले से विकसित है। इन्हें खड़ा करने पर ज्यादा पैसा नहीं लगाया पड़ेगा। मास्टर प्लान में इंडस्ट्रियल यूज जोन में ओल्ड एज होम , हॉस्टल , नाइट शेल्टर की इजाजत है , जो नेचर से रेजिडेंशियल हैं।

Source: indianrealtynews

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